समाचार(न्यूज़) पर आधारित ट्रेडिंग रणनीति: जानकारी को कौशल में बदलना

न्यूज़ ट्रेडिंग एक सामान्य रणनीति है जो ट्रेडर्स को मौलिक(फंडामेंटल) कारकों (फैक्टर्स) पर विचार करने और उनके परिणाम पर ट्रेड करने का अवसर देती है। हालांकि इस बारे में पूर्व निर्धारित नियम हैं कि किसी विशेष प्रकार की घटना पर बाजार को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, न्यूज़ ट्रेडिंग का अनुमान लगाना मुश्किल और जोखिम भरा है। पर फिर भी ट्रेडर्स इस एप्रोच  को अनदेखा नहीं कर सकते क्योंकि न्यूज़ कीमतों में ज़बरदस्त उतार-चढ़ाव को ट्रिगर करता है। न्यूज़ ट्रेडिंग जोखिमों को कम करने और सफल ट्रेडों की संभावना बढ़ाने के तरीके के बारे में पढ़ते रहें।

मार्च 2020 में, फेड ने ब्याज दर को 0% कट कर दिया। 2020 के संकट के नकारात्मक प्रभाव के कारण एक महीने के भीतर यह दूसरी कटौती थी। केंद्रीय बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों(सिक्योरिटीज़) में $700 बिलियन की खरीद की अपनी योजना की भी घोषणा की। अप्रत्याशित रूप से, अगले दिन डीजेआईए इंडेक्स 3,000 अंक गिर गया। 1987 के बाद यह इसका सबसे बड़ा क्रेश था।

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मौलिक, तकनीकी और न्यूज़ एप्रोच: अंतर 

समाचार(न्यूज़) पर ट्रेड करने से पहले, आपको इस एप्रोच की विशेषताओं को सीखना चाहिए।

तकनीकी विश्लेषण बनाम समाचार(न्यूज़)

तकनीकी ट्रेडर्स अपनी रणनीतियों को ऐतिहासिक प्राइस मूवमेंट पर आधारित करते हैं, क्योंकि प्राइस चक्रीय होती है, और इसकी चाल दोहराई जाती है। तकनीकी विश्लेषण का तात्पर्य इंडीकेटर्स, कैंडलस्टिक्स और चार्ट पैटर्न और ट्रेंड्स के उपयोग से है। ट्रेडर्स उनसे सिग्नल प्राप्त करते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड खोलते हैं।

बज़क्वांट ट्रेडिंग रणनीति – एक सावधानीपूर्वक मूल्यांकन

न्यूज़ ट्रेडर्स ऐतिहासिक प्राइस डेटा का उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि समाचार और उनके प्रति प्रतिक्रियाएं कभी नहीं दोहराई जाती हैं। यहां तक ​​​​कि मासिक गैर-कृषि पेरोल भी हर बार जारी होने पर भिन्न होते हैं। इसलिए, घटना होने पर ही ट्रेडर्स ट्रेड का निर्णय लेते हैं।

मौलिक विश्लेषण(फंडामेंटल एनालिसिस) बनाम न्यूज़

न्यूज़ ट्रेडिंग मौलिक विश्लेषण का एक हिस्सा है। हालाँकि, मौलिक एप्रोच बहुत ज़्यादा जानकारी को कवर करती है। इसमें सभी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक कारकों पर विचार किया जाता है जो किसी विशेष संपत्ति को प्रभावित करते हैं। मौलिक विश्लेषण का व्यापक रूप से लॉन्ग-टर्म ट्रेड्स के लिए उपयोग किया जाता है।

न्यूज़ ट्रेडर्स एक ही घटना में रुचि रखते हैं। यही कारण है कि न्यूज़ ट्रेडिंग केवल शोर्ट-टर्म ट्रेड खोलने की अनुमति देता है, और ट्रेड पर ट्रेडर का निर्णय तेज़ी से बदल सकता है यदि घटना का परिणाम जो सोचा है उससे अलग होता है।

वित्तीय समाचार: प्रकार

समाचारों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है – अनुसूचित और स्वतःस्फूर्त।

1. अनुसूचित घटना (पहले से निर्धारित घटनाएं)

अनुसूचित समाचार उन घटनाओं को शामिल करता है जिनके बारे में ट्रेडर्स पहले से जानता है, जिसमें आर्थिक डेटा रिलीज़, अर्निंग रिपोर्ट और चुनाव शामिल हैं। अनुसूचित घटनाओं को एक आर्थिक कैलेंडर, समाचार और सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैक किया जाता है।

अनुसूचित समाचारों पर ट्रेड करना बहुत आसान है। इसके अलावा, यह एप्रोच कम जोखिम भरा है।

2. स्वतःस्फूर्त घटनाएं (अपने आप होने वाली घटनाएं)

जैसा कि आप नाम से निष्कर्ष निकाल सकते हैं, ट्रेडर्स द्वारा इस तरह की घटनाओं की उम्मीद नहीं की जाती है और उन्हें जल्दी से ट्रेडिंग निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।  कभी-कभार होने वाली घटना पर ट्रेड जोखिम भरा है, क्योंकि ट्रेडर समाचार की अपेक्षा नहीं करते हैं और इसके परिणाम की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट और 2020 कोरोना वायरस महामारी स्वतःस्फूर्त घटनाओं के उदाहरण हैं।

कभी-कभार होने वाली घटनाओं पर ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती है, भले ही आप एक प्रोफेशनल हों।

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प्रमुख न्यूज़ ट्रेडिंग रणनीतियाँ

यद्यपि यह ऊपर उल्लेख किया गया था कि घटना के होने पर न्यूज़ ट्रेडिंग होता है, इसे कुछ अन्य बातों के साथ समझा जाना चहिए। सामान्य तौर पर, अवधारणा सच है। हालाँकि, आप निर्धारित इवेंट पर दो तरह से ट्रेड कर सकते हैं।

सबसे पहले, आप घटना से पहले ट्रेड खोल सकते हैं। हर आर्थिक रिलीज में विश्लेषक अनुमानों के आधार पर पूर्वानुमान होता है, और चुनाव परिणाम की भी भविष्यवाणी की जाती है। यदि आपके द्वारा ट्रेड की जाने वाली संपत्ति के लिए भविष्यवाणी सकारात्मक है (आप पिछली रिपोर्ट से डेटा की तुलना करके या नागरिकों द्वारा कौन सा उम्मीदवार अधिक अनुकूल है, इसकी जांच करके इसका मूल्यांकन कर सकते हैं), तो आपको खरीद स्थिति (बाय पोजीशन) खोलनी चाहिए।

इंडिकेटर और रणनीति: क्या अंतर है?

एक अन्य तरीका यह है कि जैसे ही कोई घटना घटित होती है, ट्रेड को खोलना। यहां, आपको पूर्वानुमान के साथ वास्तविक परिणाम की तुलना करनी चाहिए। यदि यह बदतर है, तो संपत्ति का मूल्यह्रास होगा। यदि वास्तविक डेटा बेहतर है, तो परिसंपत्ति का मूल्य बढ़ेगा।   प्रक्षेपण(प्रोजेक्शन) और वास्तविक रिपोर्ट के बीच अंतर को मापना महत्वपूर्ण है। यदि यह छोटा है, तो मूल्य में कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी क्योंकि परिणाम की कीमत तय की जाएगी।

आपको इन रणनीतियों को हमेशा अलग करना चाहिए। यदि आप घटना से पहले ट्रेड करते हैं, तो जैसे ही समाचार आता है, पोजीशन को बंद कर दें। यदि आप घटना होने के बाद ट्रेड करते हैं, तो उसके परिणाम का मूल्यांकन करने से पहले कोई ट्रेड न खोलें।

लाभ लेने के स्तर(टेक- प्रॉफिट लेवल्स) को निर्धारित करना मुश्किल है, क्योंकि बाजार की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित है। यह फ्यूचर ट्रेड की दिशा के आधार पर पिछले अधिकतम / न्यूनतम के आधार पर टारगेट प्लेस करने की सलाह दी जाती है। स्टॉप-लॉस पॉइंट्स के बारे में याद रखें। आप एंट्री लेवल से थोड़ा ऊपर/नीचे प्लेस कर सकते हैं।

क्या सीखें 

न्यूज़ ट्रेडिंग एक जोखिम भरा एप्रोच है। आप ऐतिहासिक डेटा के आधार पर निर्णय नहीं ले सकते और पैटर्न या इंडीकेटर्स से भी कुछ अनुमान नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि वे मूल्य परिवर्तनों पर तुरंत प्रतिक्रिया करने में सक्षम नहीं होंगे। आपको पहले से सोचना चाहिए कि कीमत में कैसे बदलाव हो सकते हैं। न्यूज़ ट्रेडिंग के लिए आपके समय और घटनाओं के व्यापक विश्लेषण की आवश्यकता होती है।

डिस्क्लेमर: कोई भी रणनीति 100% सही ट्रेड परिणाम की गारंटी नहीं दे सकती है।

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